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आज फाग खेलन बरसाना आए नटवर नंद किशोर - Aaj Phaag Khelan Barasana Aae Natavar Nand Kishor

#बगीचा_त्रयोदशी_की_होली_में_खेल_भावना

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फागुन शुक्ल त्रयोदशी को रस भावना में "बगीचा त्रयोदशी" भी कहते हैं।

आज के दिन नंदलाल अपने नंदगांव से ग्वाल-बालों को लेकर बरसाना श्रीराधारानी के बगीचे में फाग खेलने बड़े धूमधाम और आनंद से पधारते है। 

फूलो से सुशोभित बगीचा मे प्रभु गुलाली घूंघर को फाग बरसाने वाली के संग खेलते है और खूब गुलाल की धूम मचती है।

"इतते आई राधारानी अपनी सखीयन संग, उतते आये नंदलाल अपने सखान के संग।। 

होरी धूम मची बरसाने होरी धूम मची " ये पद गाया जाता है। 

गुलाल-अबीर की अंधीयारी मे सब ब्रजवासी धूम मचाकर गुलाली घूंघर नृत्य करते है और 

"होरी खेले तो बरसाने आय जैयो नंद के लाल" ये रसिया गाया जाता है ।।

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